लीजीए तो आखिरकार धडाधड महाराज हमारे बीच आ ही गए ....अजी पूछिए मत ...नाक में दम हो गया था महाराज । लाख उपाय किए , और जाने कौन कौन से कितने जतन कर डाले कि ..बस अब तो धडाधड महाराज जब हमे बिना बताए ही अचानक धडाम हो लिए ..तो जरूर सीता जी की दुविधा ने उन्हें फ़िर घेर लिया होगा और उनकी दुविधा दूर करते करते हमारा एक और एग्रीगेटर ..वो भी धुरंधर जी महाराज ..लोट लिए और सरक लिए । अब तो मेरा कंप्यूटर भी ताने मारने लगा था ..और भईया झाजी ..मिजाज हरियायल बा न ? अरे का काहे के लिए हरेक मिनट उसका चकरी घुमा घुमा के रिफ़्रेश कर रहे हैं । अब तो दू तीन दिन का सीएल मार लिया समझिए । और कहिए कि चिट्ठाजगत बीमार है ..बीमार है ।हम भडक गए और फ़ौरन कंप्यूटर की गर्दन धर ली ...अबे चुप्प बे , कौन हमीं ने कहा था बे ..हमने तो कुछ भी कब्बो नहीं कहा बल्कि टीप टीप के धडाधड महाराज का ही पक्ष लिए थे अरे सच कह रहे हैं भाई । देखो देखो यार अब कुछ सूची में गडबड था तो था ....राम राम राम राम फ़िर वही बात । अरे हम नहीं कह रहे हैं जी , बल्कि हम तो कह दिए हैं ..खबरदार ! अब सब ठीक है ..अरे जो भी है ठीक है भाई ...ए सुनिए यार , ई काऊंट डाऊन , इ लिंक , थिंक वाल चक्कर सब ....और जौन टाईप का भी उत्तेजना होता है आप लोग के ..यार तनिक उसको डायवर्ट करके रखिए न जी , अरे माने तो चिंता जाहिर करते रहिए ...मगर भीतरे भीतर । अरे कम से कम पोस्ट पढने लिखने का औप्शन तो रहने ही दिया जाए जी ।देखिए हम जान रहे हैं कि इससे आप लोग को कुछ पोस्ट जो ड्राफ़्ट में रखे हुए हैं अब उसको छापने का स्कोप थोडा सा कम टाईप का हो गया है , लेकिन यार इत्ता सैक्रीफ़ाईस आप नहीं कर सकते हैं क्या । अरे कर सकते हैं महाराज ..तो नाक बंद करके गहरी सांस लीजीए और एक साथ कसम खाईए कि अब धडाधड महाराज को कोई नहीं कुरियाएगा ( मतलब कि खुजली करेगा ) , और न ही कोई सूची , (यहां तक कि आंग सान सूची जैसी कोई पोस्ट भी आ जाए तो उसे इग्नोर कर देगा ), अरे कसम के बाद अईसा बादाखिलाफ़ी आप नहीं कर सकते हैं ,कोई रैंक , चाहे कि कल होके आपको स्वयं महाराज दन्न से कंप्यूटर से निकल कर कहें कि आपके ब्लॉग को कर्नल का रैंक से नवाजा गया है , कल से लिखा आएगा ..कर्नल __________, मेजर _________, हवलदार ________, आदि आदि ।तो बस आज की बकबकाहट यहीं समाप्त होती है ...अब चलते हैं जरा महाराज संग घूमने ..ये पोस्ट निर्मल हास्य ( एक तो ये दोनों ससुरे आज तम हमें नहीं मिले हैं , किसी भी ब्लॉग बैठकी में ) के लिए लिखी गई है ..बांकी आप लोग को भी कुछ मिलता है तो समेटे जाईये , कौन मनाही नहीं है जी
गुरुवार, 9 दिसंबर 2010
खबरदार ! अब सब ठीक है , चिट्ठाजगत में ...तो बामुलाहिजा ..होसियार खबरदार ..धडाधड महाराज लौट आए हैं ...
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मजेदार वार्ता
जवाब देंहटाएंनिर्मल और हास्य दोनों एक साथ हैं कि अलग अलग
जवाब देंहटाएंबहुत उम्दा सर जी
जवाब देंहटाएंवाह
यार बहुत बकबकाते हो आप पर क्या करें .... साला हम फिराऊ पढने चले आते है ... काहे कि बहुत सही बकबकाते हो भाई कसम से !
जवाब देंहटाएं@ वर्मा जी हम भी दोनों को ही ढूंढ रहे हैं मिलते ही ठेलते हैं आपकी तरफ़ :) :) :):)
जवाब देंहटाएंहा हा हा शिवम भाई , आपके लिए तो कोई औप्शन ही नहीं है काहे से यहां बचिएगा तो फ़ोनवे पर पढ के सुना देंगे आपको हा हा हा हा
जवाब देंहटाएंबढ़िया बकबक रही अजय भाई ! शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंकाऊंट डाऊन , इ लिंक , थिंक वाल चक्कर सब.... डायवर्ट करके रखिए न जी.....अरे कम से कम पोस्ट पढने लिखने का औप्शन तो रहने ही दिया जाए जी
जवाब देंहटाएंलेकिन मानता कौन है!
निर्मल हास्य? ये दोनों ससुरे आज तक हमें भी नहीं मिले हैं। एक दो बार धोखे में गले लगा लिया तो बातें ही सुननी पड़ी हैं :-)
जवाब देंहटाएंहा हा हा हा गले मिले या गले पड गए थे सर :)
जवाब देंहटाएंई निर्मल से तो मुलाकात होती रही है अलबत्ता हास्य ससुरा गायब है. ढूंढ तो रहे हैं कभी कहीं मिल जावे. और हाँ हम सशरीरी हास्य की बात कर रहे हैं, आपकी पोस्ट पे तो उके दर्शन हो ही रहे हैं ।
जवाब देंहटाएंधडाधड महाराज की तीन दिनी हडताल पर बढिया व्यंग. हम तो समझ रहे थे कि न जाने अब किसी नये कलेवर में इसके दर्शन होंगे । लेकिन ऐसा कोई परिवर्तन भी नहीं दिखा.
निर्मल हास्य? मतलव मेरा हास्य? क्या हो गया झा जी? वैसे अच्छी लगी पोस्ट। बधाई धडाधड महाराज के लौट आने की।
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जवाब देंहटाएंबेहतरीन पोस्ट लेखन के बधाई !
आशा है कि अपने सार्थक लेखन से,आप इसी तरह, ब्लाग जगत को समृद्ध करेंगे।
आपकी पोस्ट की चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है-पधारें
ee dharadar mahraj ke pichhe hamhoon lage the....
जवाब देंहटाएंpata chal pinak lene gaye so ane me der lagegi....
aa gaye sukar hai.....
jai ho bakbak mahraj ki.....
pranam.
हमेँ तो लागत ह ई धड़ाधड़ महराज के गायब भैला के पीछे ..... अब छोड़ी जी , आप तै महान हई जौन ईनका बेल करा के ले अईनी।
जवाब देंहटाएंswagat hai ji
जवाब देंहटाएंचिट्ठा जगत बन्द होने का फायदा यह हुआ कि हम उस दिन फटाफट और तडातड लोगों के फोलोवर बनते गए। हम तो कभी शिकायत नहीं करेंगे जी। कोई से भी नम्बर पर रखो। बस पोस्ट पढाते रहो।
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