मंगलवार, 16 नवंबर 2010

सभी महिला ब्लॉगर्स से एक शिकायत हमारी भी ...आज तो सुननी पडेगी जी ...






जी हां मुझे अच्छी तरह से पता है कि मेरे इस शीर्षक को पढ कर आप सब महिला ब्रिगेड ने भौंहें तानी होंगी और पहले सोचा होगा अच्छा अच्छा अब कौन है ये दु:साहस करने वाला ..देखें तो ज़रा ...और ये किया क्लिक ..

भई यूं तो ये शिकायत मुझे काफ़ी पहले से ही थी फ़िर सोचा आज तो कह ही दूं ताकि समय रहते मेरी शिकायत की सुनवाई हो सके तो क्या पता भविष्य में ये शिकायत दूर ही हो जाए ।

तो मेरी शिकायत ये है कि इतने सारे ब्लॉगर सम्मेलन , संगोष्ठी ,मिलन आदि का संयोग बनता रहता है , और हमारे हर मोर्चे , हर पोस्ट , हर टिप्प्णी , हर सहयोग और हमारी हर वैचारिक लडाई में हमारे कदम से कदम मिलाती हमारी सहब्लॉगर इनमें बहुत ही नाममात्र की भागीदारी करती हैं । ये बात बहुत ही खलती है कि , महिला मुद्दों पर एक बटालियन बन कर और ताबडतोड फ़ायरिंग करके सबको मुंहतोड जवाब देने वाली ये ब्लॉगर ऐसे मंच पर अपने अनुभवों को , अपनी कठिनाईयों को और अपनी उपलब्धियों को साझा करने से बचती क्यों हैं ??

दिल्ली ब्लॉगर सम्मेलनों में तो कई बार मुझे संजू भाभी जी , ( भाई राजीव तनेजा जी नाम के ब्लॉग की मॉडरेटर और उनकी श्रीमती जी ) की मौन डांट पड चुकी है कि अच्छा .....अकेले मैं ही ...श्रीमती झा जी कहां हैं ? अब मैं उन्हें क्या बताऊं कि , वो तो हमने राजीव भाई को पटा रखा है आपकी लंबी लंबी कहानी हम तभी पूरी पढेंगे जब आप भाभी जी को ले कर आओगी ताकि भूले भटके यदि और भी कोई सहब्लॉगर आ जाएं तो फ़िर महिला महिला मोर्चा तो बन ही जाएगा ।

हालांकि मैं ये बिल्कुल भी नहीं कह रहा कि महिला ब्लॉगर्स की उपस्थिति के लिए एक अन्य या बहुत सारी महिला ब्लॉगर्स का होना जरूरी है बल्कि कोई जरूरी नहीं है । तो बताईये जी आप सब के सब ....क्या कारण है जी ..और हां बहाने वाले औप्शन नहीं चलेंगे ..हमने उन्हें पहले ही अलग करके छांट दिया है आप लिखेंगे तो भी ब्लॉगर बाबा भी उसे स्वीकार नहीं करेंगे और आपकी टिप्पणी कौन बनेगा करोडपति में चली जाएगी .....फ़िर मुझे मत कहिएगा यदि कल को ..अपने हायं बाबू ..ओहो ..अमिताभ बच्चन जी .उसे पढ डालें ।

6 टिप्‍पणियां:

  1. तनिक संतोष रखिये अजय भाई : ) हम सब समझते हैं :) :)

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  2. नहीं नहीं खाली आपके समझने से हमें संतोष नहीं होने वाला आज मिसर जी ...:) :) :) :)

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  3. चलिये अच्छा है इस बहाने महिला ब्लोगर की सुध तो आई…………महिला ब्लोगर खुश तो हो ही लेंगी आज अपनी अहमियत जान कर्……………हा हा हा……………पता है इसलिये नही आयीं अगर वो सारी आ जातीं तो वहीं किट्टी पार्टी मना जातीं और आप सब मूक दर्शक बन जाते………………हा हा हा……………आपकी पार्टी खराब करने का मूड नही था ना……………हा हा हा…………अरे आप तो दिल पर लेने लगे……………मज़ाक है जी…………इसमे इतना बुरा क्या मानना? चलो नही करते मज़ाक्……………अब खुश्……………हा हा हा।

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  4. लीजीए ...आपने इत्ती सारी ..हा हा हा की है ..तो फ़िर बुरा कैसे मान सकता है जी कोई भला

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  5. अजय जी, आपका उलाहना तो सच है। हम वर्धा जाकर आए थे, इतनी दूर। आप दिल्‍ली में रहते हैं तो राजधानी के आनन्‍द ले रहे हो, हम ठहरे वहाँ से 700 किमी दूर तो ऐसे कार्यक्रमों में तो कैसे आ सकते हैं? हाँ दिल्‍ली वालों को कुछ सोचना चाहिए।

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  6. हिन्दी ब्लॉग हैं क्या? join कीजिये ब्लाग्कुट

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